Padma Awards 2025 : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री सहित 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी। गोआ की 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी, 150 महिलाओं को पुरुष प्रधान क्षेत्र ढाक वादन में प्रशिक्षित करने वाले पश्चिम बंगाल के ढाक वादक और कठपुतली का खेल दिखाने वाली पहली भारतीय महिला उन 30 गुमनाम नायकों में शामिल हैं जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की गई है।
सुजुकी के पूर्व प्रमुख ओसामु सुजुकी, लोक गायिका शारदा सिन्हा और मलयालम भाषा के प्रख्यात साहित्यकार एमटी वासुदेवन नायर को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
एसबीआई की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य, क्रिकेटर आर अश्विन, हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश को पद्म श्री देने की घोषणा।
अभिनेता अनंत नाग और असम की लोक संस्कृति के जानकार जतिन गोस्वामी को पद्म भूषण मिला।
प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश, साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण देने की घोषणा।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय, गजल गायक पंकज उधास को मरणोपरांत पद्म भूषण मिलेगा।
दिनामलार प्रकाशक लक्ष्मीपति रामसुब्बैयर को साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली लीबिया लोबो सरदेसाई ने पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए 1955 में एक जंगली इलाके में भूमिगत रेडियो स्टेशन ‘वोज दा लिबरडाबे (वॉइस ऑफ फ्रीडम)’ की स्थापना की थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरदेसाई को पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की।
पुरस्कार पाने वालों में पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे भी शामिल हैं जिन्होंने पुरुष-प्रधान क्षेत्र में 150 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा।
डे ने ढाक प्रकार का एक हल्का वाद्ययंत्र भी बनाया, जो वजन में पारंपरिक वाद्ययंत्र से 1.5 किलोग्राम कम था। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया और पंडित रविशंकर तथा उस्ताद जाकिर हुसैन जैसी हस्तियों के साथ कार्यक्रम किए। पद्मश्री सम्मान की सूची में शामिल महिला सशक्तीकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होलकर ने लुप्त हो रही माहेश्वरी शिल्प कला को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पारंपरिक बुनाई तकनीकों में प्रशिक्षण देने के लिए मध्यप्रदेश के महेश्वर में हथकरघा स्कूल की स्थापना की।
रानी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत से प्रेरित और अमेरिका में जन्मीं सैली होलकर ने बुनाई की 300 साल पुरानी विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए अपने जीवन के पांच दशक समर्पित कर दिए।
पद्मश्री विजेताओं की लिस्ट
नोकलाक के फ्रूट मैन : एल हैंगथिंग
सेब सम्राट : हरिमन शर्मा
योगा : साईखा एजे अल सबाह
सुजनी की वैश्विक देवी : निर्मला देवी
मुसहर के मसीहा : भीम सिंह भवेश
गांधी ऑफ द हिल्स : राधा बहिन भट्ट
साबरकांठा नो सहयोजक : सुरेश सोनी
नशा मुक्ति की नायिका : जुमदे योमगम गैमलिन
दिमा हसाओ नृत्य : जॉयनाचरण बथारी
नेपाली गीत के गुरु : नरेन गुरुंग
होम्योपैथ : विलास दांगरे
मुरिया का मान, बस्तर की शान : पांडी राम मानवी
ब्राजील के वेदांत गुरु : जोनास मसेटी
निमाड़ी के नोवलिस्ट : जगदीश जोशीला
कैथल का एकलव्य : हरविंदर सिंह
निर्गुण भक्ति के भेरु : भेरू सिंह चौहान
घुमंतु गूरु : वेंकप्पा अंबाजी सुगातकर
थविल थलाइवा : पी दच्चनामूर्ति
सर्वाइकल कैंसर क्रूसेडर : नीरजा भाटला
महाराष्ट्र के अरण्य ऋषि : मारुति भुजंगराव चितम्पल्ली
ग्रैंड मदर ऑफ गोंबियाता : भिमव्वा दोदाबलप्पा सिल्केयातारा
होल्कर वीवर ऑफ होप : सैली होलकर
भजनों की बेगम : बतूल बेगम
वेलू आसान
मां दुर्गोर ढाकी दास : गोकुल चंद्र दास
हीलिंग विद होप : विजयलक्ष्मी देशामाने
वन के वनबंधु : चैतराम देवचंद पवार
लीबिया लोबो सरदेसाई
परमार लवजी भाई नागजी भाई
ट्रैवल युगल ब्लॉगर : ह्यूग और कोलीन
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण में प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार कला, समाजसेवा, साइंस, इंजीनियरिंग, बिजनेस, इंडस्ट्री, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं।