दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर कुछ देर में मतदान खत्म हो जाएगा। इसके बाद कई चैनल अपने एग्जिट पोल के साथ हाजिर होंगे। हर चुनाव में वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल पेश किए जाते हैं। एग्जिट पोल रिजल्ट के पहले एक अनुमान होता है, जिसमें यह पता चलता है कि आगे किसकी सरकार बनने वाली है। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आए एग्जिट पोल आम आदमी पार्टी की सरकार बनवा रहे थे, अंतर केवल सीटों का था। बाद में नतीजे भी आप के ही पक्ष में रहे। इस बार देखना होगा कि एग्जिट पोल के अनुमान असल नतीजों में बदलते हैं या नहीं। ऐसे में आइए समझते हैं कि एग्जिट पोल होते क्या हैं और कितने सटीक होते हैं।
एग्जिट पोल क्या होते हैं?
एग्जिट पोल मतदाताओं के शुरुआती सर्वे होते हैं,जो उनके वोट डालने के तुरंत बाद,निर्वाचन क्षेत्र की नब्ज जानने के लिए किए जाते हैं। हालांकि ये सटीक नहीं होते, लेकिन ये जनता को यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि कौन सी पार्टी चुनावों में आगे चल रही है और सत्ता में आने की संभावना है। एग्जिट पोल की विश्वसनीयता कई कारकों से प्रभावित होती है,जिनमें मतदाताओं की ईमानदारी,गलती की गुंजाइश और सैंपल का आकार शामिल है। एग्जिट पोल नतीजों का अंदाजा लगाने मात्र के लिए हैं।