उरगा। हसदेव नदी के किनारे ग्राम पंचायत मोहरा के आश्रित ग्राम झीका में रेत माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद जेसीबी और हाईवे मशीनों की मदद से रेत की धुलाई जारी है। खास बात यह है कि यह पूरा अवैध कारोबार प्रशासन और खनिज विभाग की नाक के नीचे फल-फूल रहा है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।
गांव वालों की शिकायत के बावजूद प्रशासन मौन
स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन और खनिज विभाग से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उरगा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस इलाके में दिन-रात रेत की तस्करी हो रही है। ट्रकों में भरकर रेत को बिना रॉयल्टी के अन्य स्थानों पर भेजा जा रहा है।
प्रशासनिक लापरवाही या मिलीभगत?
खनिज विभाग सेमीपाली, उरगा के अधीन आने वाले इस क्षेत्र में अवैध रेत खनन का यह सिलसिला लगातार जारी है। सवाल यह उठता है कि प्रशासन और खनिज विभाग इस पर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं? क्या यह महज लापरवाही है, या फिर इस पूरे खेल में कोई अंदरूनी मिलीभगत भी शामिल है?
हाईकोर्ट के आदेश की खुलेआम अवहेलना
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने नदियों में मशीनों से खनन पर रोक लगा रखी है, लेकिन झीका गांव में इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जेसीबी और हाईवे जैसी भारी मशीनों का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर रेत निकाली जा रही है।
क्या होगी सख्त कार्रवाई?
अगर जल्द ही प्रशासन इस पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करता, तो यह साफ हो जाएगा कि रेत माफिया को सरकारी संरक्षण प्राप्त है। सवाल यह भी उठता है कि क्या इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है? स्थानीय लोगों की मांग है कि इस अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
अब देखने वाली बात होगी कि शासन-प्रशासन इस अवैध रेत खनन पर क्या कदम उठाता है, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।