व्यापारी सरकारी बैंक में आधार कार्ड का इस्तेमाल कर आवेदन कर सकते हैं। यह लोन 12 महीनों में किस्तों में चुकाना होता है।
अगर आप छोटे व्यापारी हैं या स्ट्रीट वेंडर हैं और आर्थिक परेशानियों से उबरने का रास्ता तलाश रहे हैं, तो आपके लिए सरकार की एक खास योजना मददगार साबित हो सकती है। इस योजना के तहत आप बिना किसी गारंटी के लोन प्राप्त कर सकते हैं। आइए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
क्या है प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना?
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Yojana) की शुरुआत 2020 में की गई थी। इसका उद्देश्य छोटे कारोबारियों और रेहड़ी-पटरी वालों को कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक मजबूती देना और उनके व्यवसाय को दोबारा शुरू करने में मदद करना है।
कैसे लें योजना का लाभ?
इस योजना के तहत आप आधार कार्ड के जरिए बिना किसी गारंटी के लोन ले सकते हैं। प्रक्रिया बेहद आसान और सीधी है, जिससे छोटे व्यापारी अपने व्यवसाय को दोबारा मजबूत बना सकते हैं।
₹50,000 तक का मिलता है लोन
पीएम स्वनिधि योजना के तहत शुरू में व्यापारियों को ₹10,000 तक का लोन दिया जाता है। यदि वे इस लोन को समय पर चुका देते हैं, तो अगली बार ₹20,000 तक का लोन मिल सकता है। इसके बाद, पिछला लोन समय पर चुकाने पर यह राशि बढ़कर ₹50,000 तक हो जाती है।
आधार कार्ड है जरूरी
इस योजना के तहत लोन पाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। व्यापारी सरकारी बैंक में आधार कार्ड का इस्तेमाल कर आवेदन कर सकते हैं। यह लोन 12 महीनों में किस्तों में चुकाना होता है।
लोन के लिए कैसे करें आवेदन?
PM Svanidhi Yojana की वेबसाइट के अनुसार आवेदन की आवश्यकताएं
लोन आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़:
लोन आवेदन पत्र (LAF) भरने से पहले जरूरी दस्तावेज़ों की जानकारी लेना बेहद महत्वपूर्ण है।
आधार से मोबाइल नंबर लिंक करें:
मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करना अनिवार्य है, क्योंकि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के दौरान ई-केवाईसी/आधार सत्यापन के लिए इसकी जरूरत होगी। इसके अलावा, शहरी स्थानीय निकाय (ULB) से सिफारिश पत्र लेना भी जरूरी होगा, ताकि भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा सके।
मोबाइल नंबर अपडेट करने की प्रक्रिया:
मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए एक फॉर्म भरना होगा। इसके लिए किसी अन्य दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी।
चेक करें एलिजिबिलिटी
इस योजना के तहत चार श्रेणियों के वेंडर्स को लोन लेने के लिए एलिजिबल माना गया है। एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को ध्यान से पढ़ें और उसी के अनुसार आवेदन करें।
इन तीन चरणों को पूरा करने के बाद, आवेदन प्रक्रिया पोर्टल पर शुरू की जा सकती है। आवेदक सीधे पोर्टल पर या अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
आयु सीमा: लोन लेने के लिए आपकी न्यूनतम आयु 21 साल होनी चाहिए। अधिकतम आयु लेंडर की पॉलिसी के हिसाब से अलग हो सकती है।
न्यूनतम आय: ज़्यादातर लेंडर्स ₹25,000 की मासिक शुद्ध आय स्वीकार करते हैं, लेकिन यह शर्तें लेंडर के अनुसार अलग हो सकती हैं।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरों पर होगा ये नियम लागू
शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs), स्मॉल फाइनेंस बैंकों (SFBs), कोऑपरेटिव बैंकों और SHG बैंकों के मामले में ब्याज दरें उनके मौजूदा ब्याज दरों के अनुसार तय की जाएंगी।
वहीं, एनबीएफसी (NBFC), एनबीएफसी-एमएफआई (NBFC-MFIs) जैसी संस्थाओं के लिए ब्याज दरें आरबीआई द्वारा संबंधित श्रेणी के लिए जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर निर्धारित की जाएंगी।
जो माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन्स (MFIs) एनबीएफसी के अंतर्गत नहीं आते या अन्य ऐसी श्रेणियां जो आरबीआई के दिशा-निर्देशों में शामिल नहीं हैं, उनके लिए ब्याज दरें एनबीएफसी-एमएफआई के लिए तय किए गए मौजूदा नियमों के तहत लागू होंगी।
7% की ब्याज राहत से लाभ मिलेगा वेंडर्स को
इस योजना के तहत लोन लेने वाले वेंडर्स को 7% की ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलेगा। यह सब्सिडी सीधे उधारकर्ता के खाते में तिमाही आधार पर जमा की जाएगी।
लोन देने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान हर तिमाही (30 जून, 30 सितंबर, 31 दिसंबर और 31 मार्च) को ब्याज सब्सिडी का दावा पेश करेंगे। हालांकि, यह सब्सिडी केवल उन्हीं खातों पर लागू होगी जो संबंधित तिथि पर आरबीआई के मानकों के अनुसार स्टैंडर्ड (non-NPA) श्रेणी में होंगे।
योजना के तहत ब्याज सब्सिडी 31 मार्च 2022 तक उपलब्ध होगी। यह सुविधा शुरुआती और बाद में बढ़ाए गए लोन दोनों पर दी जाएगी, बशर्ते लोन खाते योजना की शर्तों को पूरा करते हों। अगर कोई वेंडर लोन का जल्दी भुगतान करता है, तो उसे एकमुश्त सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
डिजिटल लेनदेन पर भी मिलेगी प्रोत्साहन राशि
इस योजना के तहत वेंडर्स को डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कैशबैक की सुविधा भी दी जाएगी।