कोरबा। पंचायत सचिव संघ जिला इकाई कोरबा ने सामूहिक त्यागपत्र देने का बड़ा फैसला लिया है। इस निर्णय के पीछे संघ के निष्कासित सचिवों संबित साहू और सुनील जायसवाल की वापसी को मुख्य कारण बताया जा रहा है। सचिव संघ के लेटरपेड पर लिखा गया यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे सचिवों में हलचल मच गई है।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सचिव संघ जिला इकाई कोरबा ने 7 दिसंबर 2024 को एक बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि संबित साहू और सुनील जायसवाल को संघ विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के कारण प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया जाए। इस निर्णय की सूचना प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रांताध्यक्ष उपेंद्र सिंह पैकरा को भी दी गई थी।
इसके बाद, 17 दिसंबर 2024 को प्रदेश पंचायत सचिव संघ के कार्यालयीन आदेश क्रमांक 38 के तहत संबित साहू को उप प्रांताध्यक्ष पद से और सुनील जायसवाल को प्रदेश महामंत्री पद से निलंबित कर दिया गया था। लेकिन, हाल ही में 29 मार्च 2025 को कार्यालयीन आदेश क्रमांक 10 जारी कर बिना कोरबा जिला इकाई की सहमति लिए इन दोनों निष्कासित सचिवों को उनके पूर्व पदों पर बहाल कर दिया गया।
संगठन में असंतोष, पदाधिकारियों में रोष
सचिव संघ जिला इकाई कोरबा इस निर्णय से बेहद आहत महसूस कर रहा है। उनका कहना है कि जब तक उनकी प्राथमिक सदस्यता बहाल नहीं की जाती, तब तक उन्हें किसी भी पद पर बहाल किया जाना संगठन के नियमों के खिलाफ है। इस कारण सचिव संघ जिला इकाई कोरबा के पदाधिकारियों को लगता है कि अब संगठन में पद पर बने रहने का कोई वैधानिक औचित्य नहीं रह गया है।
बिना हस्ताक्षर वाला पत्र बना चर्चा का विषय
हलांकि, यह पत्र वायरल होने के बावजूद इस पर किसी भी पदाधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं, जिससे यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या वाकई सचिव संघ ने सामूहिक इस्तीफे का फैसला लिया है या फिर यह किसी रणनीति का हिस्सा है। फिलहाल, यह मामला सचिवों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
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कोरबा। पंचायत सचिव संघ जिला इकाई कोरबा ने सामूहिक त्यागपत्र देने का बड़ा फैसला लिया है। इस निर्णय के पीछे संघ के निष्कासित सचिवों संबित साहू और सुनील जायसवाल की वापसी को मुख्य कारण बताया जा रहा है। सचिव संघ के लेटरपेड पर लिखा गया यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे सचिवों में हलचल मच गई है।क्या है पूरा मामला?प्राप्त जानकारी के अनुसार, सचिव संघ जिला इकाई कोरबा ने 7 दिसंबर 2024 को एक बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि संबित साहू और सुनील जायसवाल को संघ विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के कारण प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया जाए। इस निर्णय की सूचना प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रांताध्यक्ष उपेंद्र सिंह पैकरा को भी दी गई थी।इसके बाद, 17 दिसंबर 2024 को प्रदेश पंचायत सचिव संघ के कार्यालयीन आदेश क्रमांक 38 के तहत संबित साहू को उप प्रांताध्यक्ष पद से और सुनील जायसवाल को प्रदेश महामंत्री पद से निलंबित कर दिया गया था। लेकिन, हाल ही में 29 मार्च 2025 को कार्यालयीन आदेश क्रमांक 10 जारी कर बिना कोरबा जिला इकाई की सहमति लिए इन दोनों निष्कासित सचिवों को उनके पूर्व पदों पर बहाल कर दिया गया।संगठन में असंतोष, पदाधिकारियों में रोषसचिव संघ जिला इकाई कोरबा इस निर्णय से बेहद आहत महसूस कर रहा है। उनका कहना है कि जब तक उनकी प्राथमिक सदस्यता बहाल नहीं की जाती, तब तक उन्हें किसी भी पद पर बहाल किया जाना संगठन के नियमों के खिलाफ है। इस कारण सचिव संघ जिला इकाई कोरबा के पदाधिकारियों को लगता है कि अब संगठन में पद पर बने रहने का कोई वैधानिक औचित्य नहीं रह गया है।बिना हस्ताक्षर वाला पत्र बना चर्चा का विषय
आने वाले दिनों में सचिव संघ जिला इकाई कोरबा के इस निर्णय से प्रदेश पंचायत सचिव संघ की कार्यप्रणाली पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।