राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से माफी मांग लें सोनिया गांधी, कमजोर बताने पर भड़क गई भाजपा

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New Delhi. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया को लेकर हंगामा मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के नेता उनसे माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, सोनिया ने कहा कि वह (राष्ट्रपति मुर्मू) अपने संबोधन के आखिर तक थक गई थीं और बहुत मुश्किल से बोल पा रही थीं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री और भाजपा के सीनियर नेता किरेन रिजिजू ने कहा, ‘मैं सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं की ओर से की गई टिप्पणियों की निंदा करता हूं। हमारी राष्ट्रपति, एक आदिवासी महिला हैं, वे कमजोर नहीं हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश और समाज के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और वे उस तरह के काम की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। उन्हें उनसे माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने सोनिया गांधी के बयान पर कहा, ‘यह देश को शर्मसार करने वाला बयान है। संवैधानिक प्रक्रिया होती है कि राष्ट्रपति दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हैं और उसमें सरकार की नीतियों की रूपरेखा होती है। जब इस पर चर्चा होगी, तब उन्हें आलोचना करने का अवसर मिलेगा। लेकिन आज के बयान के बाद ये दोनों लोग सांसद होने के लायक नहीं हैं। पहला बुनियादी नियम यह है कि राष्ट्रपति, न्यायाधीश पर टिप्पणी नहीं करते, लेकिन आज एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति पर ऐसी टिप्पणी की गई।’

यह सीधे तौर पर संविधान का अपमान: अर्जुन राम मेघवाल

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सीनियर लीडर अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, ‘भारत के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च है। जो लोग संविधान के सम्मान की बात करते हैं और जो सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठी हमारी आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते हैं, वे संविधान का भी अपमान कर रहे हैं। यह सीधे तौर पर संविधान का अपमान है। आपको लोकसभा में बोलने का मौका मिलेगा, अगर आप सकारात्मक आलोचना करना चाहते हैं तो लोकसभा उसके लिए मंच है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के तुरंत बाद उन्होंने जो निम्न स्तर की टिप्पणी की, मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं।’

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