New Delhi. अमेरिका और ब्रिटेन सहित दुनिया के कई देश घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं। अब भारत भी इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। भारत में बिना वैध पासपोर्ट या वीजा के प्रवेश करने वालों को सख्त सजा दी जाएगी। इसके लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संसद में एक विधेयक ला रही है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बिना वैध पासपोर्ट या वीजा के प्रवेश करने वाले किसी भी विदेशी नागरिक को अब अधिकतम पांच साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। यदि कोई व्यक्ति जाली पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेजों के साथ भारत में प्रवेश करता है, तो उसे कम से कम दो साल और अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है, जबकि जुर्माना 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक हो सकता है।
यह प्रावधान ‘आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025’ का हिस्सा है, जिसे इस सत्र में लोकसभा में पेश किए जाने की तैयारी है। इस विधेयक का उद्देश्य चार पुराने कानूनों को समाप्त करके एक व्यापक कानून बनाना है।
ये हैं इन चार पुराने कानून
- विदेशी अधिनियम, 1946
- पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920
- विदेशी नागरिकों का पंजीकरण अधिनियम, 1939
- आव्रजन (वाहक दायित्व), 2000
नए विधेयक में और क्या होगा खास?
वर्तमान में, बिना वैध दस्तावेज के भारत में प्रवेश करने पर अधिकतम पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है, जबकि जाली पासपोर्ट पर प्रवेश करने पर अधिकतम आठ साल की सजा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
नई सख्त व्यवस्थाएं
वीजा उल्लंघन: अगर कोई विदेशी अपनी वीजा अवधि से अधिक समय तक भारत में रहता है, या प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल या 3 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
शैक्षणिक व चिकित्सा संस्थानों की जिम्मेदारी: सभी विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों को अपने यहां विदेशी नागरिकों की जानकारी पंजीकरण अधिकारी के साथ शेयर करनी होगी।